हो सकता है कि आपने कभी न कभी अपनी किसी न किसी तकलीफ़ के लिए होमियोपैथिक औषधि का सेवन किया हो, किन्तु क्या आप इन नन्हीं-नन्हीं गोलियों के विषय में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं? यदि नहीं तो हम आपको इसकी सेवन विधि तथा इसके कुछ विशिष्ट गुणों के बारे में कुछ रोचक तथ्यों से अवगत कराते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • बहुत कम दवा होने पर भी होमियोपैथिक औषधि का असर बहुत तेज़ और अच्छा होता है।
  • होमियोपैथिक औषधि को जीभ के नीचे लेना चाहिए क्योंकि यहाँ मौजूद महीन धमनियों के माध्यम से यह सीधे खून में प्रवेश कर जाती है और शीघ्र असर दिखाती है।
  • होमियोपैथिक औषधि को हाथ से नहीं छूना चाहिए। उसे शीशी के ढक्कन में या काग़ज़ में रखकर सीधी जीभ के नीचे रख लें।
  • औषधि का सेवन करने के 15 मिनट पहले व बाद में कुछ खाना अथवा पीना नहीं चाहिए।
  • औषधि खाने के पहले कुल्ला कर लें ताकि मुँह साफ़ हो। इससे दवा का असर अच्छी तरह से होता है और फायदा भी जल्दी होता है।
  • जिन दिनों में आप होमियोपैथिक दवा का सेवन कर रहे हों उन दिनों में कच्चा प्याज़ या लहसुन का प्रयोग ना करें। इन दिनों में आपको कॉफ़ी भी नहीं पीना चाहिए।
  • यदि आपको किसी बीमारी के लिए प्रतिदिन एलौपैथिक दवा खानी पड़ती है तो होमियोपैथिक दवा उससे कम से कम एक घंटे पहले या बाद में खायें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी मर्ज़ी से किसी दवा का सेवन न करें। ग़लत दवा रोग को बढ़ा भी सकती है।
  • यदि किसी दवा के सेवन से रोग बढ़ता है तो घबरायें नहीं तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।
  • डॉक्टर को अपनी पूरी समस्या विस्तार से बतायें साथ ही अपने खाने-पीने की आदतों व अन्य आदतों जैसे तंबाकू, गुटखा, पान-मसाला खाने अथवा शराब पीने के बारे में भी पूरी जानकारी दें।
  • यह दवा छोटे से छोटे रोग से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग तक के लिए ली जा सकती है। आपको इसे विश्वास से लेना चाहिए।