प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को, ' होमियोपैथी के जनक ' कहे जाने वाले जर्मन चिकित्सक और रसायनज्ञ डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमन के सम्मान में उनके जन्मदिन पर विश्व होमियोपैथी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में भी, डॉ. सैमुअल हैनिमन की 269वीं जयंती के अवसर पर, अबतक का सबसे बड़ा होमियोपैथिक समारोह यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस संगोष्ठी में दुनिया-भर से आये सात हज़ार से भी अधिक प्रतिनिधियों, अनुसंधानकर्ताओं, होमियोपैथिक चिकित्सकों तथा छात्रों ने भाग लिया तथा इसमें मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने पधारकर इसकी शोभा बढ़ाई।
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 अप्रैल 2024 को नई दिल्ली में इस दो दिवसीय भव्य होमियोपैथी संगोष्ठी का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम विश्व होमियोपैथी दिवस - 2024 के अवसर पर केंद्रीय होमियोपैथी अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Homeopathy - CCRH), राष्ट्रीय होमियोपैथी आयोग (National Commission for Homeopathy - NCH) तथा राष्ट्रीय होमियोपैथी संस्थान (National Institute of Homeopathy - NIH) के द्वारा आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इस आयोजन को विभिन्न होमियोपैथिक संगठनों जैसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथिक फिजिशियन्स (IIHP), होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HMAI) आदि का समर्थन एवं सहयोग भी प्राप्त था।
महामहिम राष्ट्रपति जी ने होमियोपैथिक उपचार की प्रामाणिकता की पुष्टि करने और इस चिकित्सा प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ाने में वैज्ञानिक अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने होमियोपैथी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता को और बढ़ाने के लिए अनुसंधान और दक्षता पर अधिक जोर देने का आग्रह किया और 40 मिनट से अधिक रूककर होमियोपैथी के प्रति अपने सम्मान और विश्वास को भी प्रदर्शित किया। राष्ट्रपति महोदया ने 21वीं सदी में अनुसंधान के महत्व पर जोर देते हुए सभी होमियोपैथी चिकित्सकों को बधाई दी। उन्होंने भारत में होमियोपैथी को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय, केंद्रीय होमियोपैथी अनुसंधान परिषद (CCRH), राष्ट्रीय होमियोपैथी आयोग (NCH), राष्ट्रीय होमियोपैथी संस्थान (NIH), और अन्य सभी संगठनों (जैसे IIHP, HMAI, आदि) के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
विश्व होमियोपैथी दिवस, होमियोपैथी के संस्थापक डॉ सैमुअल हैनिमन के काम को सम्मानित करने तथा चिकित्सा की इस प्रणाली के बारे में लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया-भर के चिकित्सकों और समर्थकों को एक साथ लाना भी है। होमियोपैथी को बड़े पैमाने पर विकसित करने के लिए भविष्य की आवश्यक रणनीतियों और इसकी चुनौतियों को समझना भी महत्वपूर्ण है। एक औसत होमियोपैथिक चिकित्सक की सफलता दर को बढ़ाने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है। इस प्रकार यह दिन हमें शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने, विशिष्ट होमियोपैथिक चिकित्सक की सफलता दर में सुधार करने तथा औषधियों की गुणवत्ता नियंत्रण करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, ताकि होमियोपैथी हर घर में पसंदीदा उपचार का एक विकल्प हो सके। इस वर्ष की थीम "होमियोपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार" है।
आशा है कि यह सस्ती, सुलभ, दुष्प्रभाव-रहित, विश्वसनीय और अभूतपूर्व चिकित्सा पद्धति 'होमियोपैथी' दुनिया-भर में लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा यूँ ही करती रहेगी और रोग से ग्रसित निराश प्राणियों के मन में आशा की एक किरण के रूप में सदा पुष्पित और पल्लवित होती रहेगी।
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