भारत में हर साल मौसमी फ्लू या इंफ्लुएंजा (इंफ्लुएंजा A, B तथा C) के मामले कुछ खास माह में बढ़ जाते हैं। पिछले ढाई महीने से कई राज्यों में सर्दी जुखाम और कोविड से मिलते-जुलते लक्षणों वाले मामले देखे जा रहे हैं। यह ज़्यादातर मामले मौसमी इंफ्लुएंजा A के सबवैरिएंट H3N2 के कारण देखे जा रहे हैं। ऐसा देखा गया है कि A H3N2 के संक्रमण A H1N1 तथा B के संक्रमण से ज़्यादा घातक होते हैं। 

इंफ्लुएंजा यानी Common Flu H1N1 वायरस के कारण होता है। H3N2 भी इसी का सबवैरिएंट है। यह भी सामान्य फ्लू की तरह होता है। इन दिनों फैले इंफ्लुएंजा या इंफ्लुएंजा-लाइक इल्नेस (ILI) अथवा Severe acute respiratory infections (SARIगंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण के सभी मामलों के लक्षणों में खाँसी, बुखार, उल्टी, गले में खराश, नाक बहना व मांसपेशियों में दर्द आदि होता है। कई लोगों को सर्दी खाँसी के बजाए दस्त की शिकायत भी देखी गई है। लोगों के अनुसार उचित खानपान के बावजूद उन्हें एक या दो दिन तक दस्त हुए। इंफ्लुएंजा B के संक्रमण में उल्टी, दस्त तथा पाचनतंत्र से संबंधित लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं। हालांकि यह H3N2 के इंफेक्शन भी हो सकता है। जब यह वायरस श्वसन तंत्र में जाने के बजाय आहार नली में चला जाता है तब इस तरह के लक्षण देखे जाते हैं।

जहाँ Common flu (H1N1) आमतौर पर 3-4 दिनों तक रहता है वहीं इन दिनों फैलने वाले फ्लू (H3N2) में ये लक्षण एक हफ़्ते से लेकर 8 हफ़्तों तक भी देखने को मिल रहे हैं। यह वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों व पहले से किसी रोग से पीड़ित व्यक्तियों को जल्दी अपनी चपेट में लेता है। 

आमतौर पर यह खतरनाक वायरस नहीं है। सामान्य फ्लू की तरह ही इसमें भी घबराने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की ज़रूरत है। साफ-सफाई का ध्यान रखें, घर एवं कमरों को हवादार रखें, नियमित अंतराल पर हाथ धोएं, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें, व्यायाम और योग करें तथा होमियोपैथिक दवाईयों का सेवन करें जो इस प्रकार के वायरल संक्रमण में सर्वाधिक उपयोगी सिद्ध हुई हैं।

इंफ्युएंजा में एंटीबायोटिक्स खाने से सर्वथा परहेज़ करेंएंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से इनके और अधिक लंबे समय तक चलने का खतरा रहता है और साथ ही जब वाकई आपको इनकी ज़रूरत होती है तब यह (एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस के कारण) काम नहीं करती हैं। यही कारण है कि होमियोपैथी से इंफ्लुएंजा का उपचार करना निश्चित ही एक स्वस्थ विधि है।

होमियोपैथी में इंफ्युएंजा अथवा इंफ्लुएंजा के समान लक्षणों के लिए कई कारगर दवाइयाँ उपलब्ध हैं जैसे इंफ्युएंजाइनम, एकोनाइट, अर्सेनिक-एल्ब, ब्रायोनिया-एल्बा, युपीटोरियम-पर्फ, रस-टॉक्स, आदि।


किसी भी दवा का सही चुनाव करना निश्चित रूप से एक जटिल कार्य है जो पूरी तरह से रोगी की प्रकृति तथा उपस्थित लक्षणों की समग्रता पर निर्भर करता है। निश्चित ही यह कार्य केवल क्षेत्र के विशेषज्ञ द्वारा किया जाना चाहिए। अतः अपने होमियोपैथिक चिकित्सक की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें। यदि आपको लक्षण न भी हों तब भी महामारी के दौरान आप होमियोपैथिक दवाओं को इसकी निवारक के तौर पर ले सकते हैं। ऑनलाइन परामर्श के लिए नीचे दिए गए व्हाट्सएप बटन पर अथवा ऊपर दिए गए नंबर पर संपर्क करें।


नोट:  इस लेख में दी गयी जानकारी के परिणामस्वरूप हुए किसी भी नुकसान या जोखिम, के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है। यह जानकारी किसी पेशेवर चिकित्सिए परामर्श, निदान अथवा उपचार का विकल्प नहीं है।