मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया और हर फिक्र को धुयें में उड़ाता चला गया......। बीते ज़माने का ये गीत एक युवा की बेफ़िक्री ज़रूर दर्शा रहा है किंतु क्या वाकई किसी तरह का नशा करने से आप बेफिक्र हो सकते हैं? बिलकुल नहीं। बल्कि इसके विपरीत आप एक नई मुसीबत को न्यौता ज़रूर दे रहे हैं।
क्या है तंबाकू:
दुनिया का काफी प्राचीन नशा करने का पदार्थ होने के कारण तंबाकू आज भी बहुत प्रचलित है। तंबाकू निकोटियाना प्रजाति की वनस्पति के पत्तों को सुखा कर नशा करने के लिए तैयार किया जाता है। इसका नशा दो प्रकार से किया जाता है चबा कर या फिर धुंआ बनाकर। धुएं के रूप में यह सिगरेट के माध्यम से लिया जाता है जबकि चबाने के लिए पान मसाला, खैनी, गुटखा आदि के रूप में इसका सेवन किया जाता है।
क्यों है ये एक गंभीर खतरा:
हम सभी यह बात जानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी कितनी तेजी से तंबाकू निर्मित पदार्थों का सेवन करने में आगे बढ़ रही है। स्मोकिंग, हुक्का, कच्ची तंबाकू, पान मसाला आदि पदार्थों का युवाओं के द्वारा बड़े पैमाने पर सेवन किया जा रहा है जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में हर साल तंबाकू का सेवन करने के कारण लाखों लोगों की जान चली जाती है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। हमारे देश में भी तंबाकू से जुड़ी अनेक बीमारियां फैली हुई हैं। तंबाकू और इससे बने पदार्थों का सेवन करने के कारण फेफड़ों का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, डायबिटीज का खतरा, हृदय रोग कोलन कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं।
यही कारण है कि इससे निर्मित प्रत्येक पदार्थ पर चेतावनी लिखी होती है। किंतु आश्चर्य है कि पढ़े-लिखे लोग भी तंबाकू उत्पाद पर लिखी गई उस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए धड़ल्ले से इसका सेवन करते हैं। इसके कारण वह खुद तो बीमार होते ही हैं, साथ ही साथ उनमें कुछ बीमारियां अनुवांशिक रूप भी धारण कर लेती हैं जिसके कारण उनकी आने वाली पीढ़ी को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
एक बड़ी आबादी को तंबाकू की इतनी लत है कि इससे बने विभिन्न उत्पादों को कभी भी पूरे तौर पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सका है हालांकि भारत सरकार ने "धूम्रपान निषेध कानून" बनाया है जिसमें सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान है। किंतु कई बार लोगों को धड़ल्ले से रेल स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों आदि पर धूम्रपान करते देखा गया है।
ठोस कानून की कमी और कानून को लागू ना करने की वजह से ही देश में लगातार तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। अगर स्थिति पर जल्द से जल्द काबू नहीं पाया गया तो हो सकता है आने वाले कुछ सालों में तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बढ़ें और इससे लोगों की और अधिक संख्या में मृत्यु हो।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस
तंबाकू के खिलाफ लोगों के अंदर जागरुकता पैदा करने की जरूरत है। इसी लिहाज़ से पूरे विश्व में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन तंबाकू खाने वाले लोगों को कई प्रकार के कैंसर और गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचे रहने के बारे में जानकारी दी जाती है। यदि आपके अंदर भी तंबाकू खाने या सिगरेट पीने की लत है और आप इस आदत को छोड़ना चाहते हैं किंतु नहीं छोड़ पा रहे हैं तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से सलाह लें। औनलाइन परामर्श के लिए हमसे संपर्क करें।
bilkul sahi baat hai tambaku sewan kerna swasth ke liye hanikarak hai isliye tambaku sewan nahi kerna chahiye. Jin logo ko iski lat lagi hui hai aur chorna to chah rahe hai but chor nahi paa rahe hai to jald se jald doctor se paramarsh lena ati awashyak hai jisse vo apna aur apne parivaar ka bhavishya sahi ker sake.
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