प्रत्येक वर्ष 17 मई को दुनियाभर में 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' यानी World Hypertension Day मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देशय उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता फैलाना और लोगों को इस "साइलेंट किलर" को नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

क्यों मनाया जाता है ये दिन

ग़लत खानपान के चलते व गलत आदतों के कारण हाइपरटेंशन की समस्या लोगों को होने लगती है। लोगों में हाइपरटेंशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए ये दिन मनाया जाता है। इस साल 'विश्व उच्च रक्तचाप दिवस' की थीम 'अपना ब्लड प्रेशर नापें' (Measure Your Blood Pressure) है। उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसे रोका जा सकता है, लेकिन यह दुनिया भर में मृत्यु की एक बड़ी वजह बना हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2017 में पूरे भारत में 2 करोड़ से अधिक लोगों की जांच में पाया गया कि हर आठ में से एक भारतीय उच्च रक्तचाप का रोगी है।

क्या होता है उच्च रक्तचाप

हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप है। हमारे शरीर में मौजूद ख़ून नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी ख़ून के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज़, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर यह ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और ख़ून को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार 130/80 mmHg से ज़्यादा ख़ून का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।


नोट:  इस लेख में दी गयी जानकारी के परिणामस्वरूप हुए किसी भी नुकसान या जोखिम, के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है। यह जानकारी किसी पेशेवर चिकित्सिए परामर्श, निदान अथवा उपचार का विकल्प नहीं है।